साइबर अपराधियों के बचने के लिए गृह मंत्रालय ने हाल में ही एकएडवाइस जारी किया है लोगों को जरूर जागरूक किया है आपको चलिए बताते हैं कि डिजिटल अरेस्ट और अन्य सायबर धोके दाढ़ी से कैसे बचा जा सकता है.
आज के समय में डिजिटल युग में जैसे-जैसे हम तकनीकी रक रूप से उत्पन्न हो रहे हैं वैसे हमारी सुरक्षा खतरे में बढ़ रही है डिजिटल सुविधाओं का लाभ उठाते समय हम कई बार अपनी पर्सनल डाटा सोशल मीडिया पर दूसरी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर साझा कर देते हैं लेकिन साइबर अपराधियों के अवसर देती है हाल में ही डिजिटल अरेस्ट नामक एक साइबर फ्रॉड किया गया जो की काफी चर्चे में अपराध दिया है जो की वीडियो कॉल के जरिए पीड़ितों को करते हैं.
Home Ministry की report के अनुसार आप 2024 के पहले 9 महीने की सायबर धोके दाढ़ी में आप लोगों को बता दे की कारण भारत में 11333 करोड़ रूपया का नुकसान हो चुका है लेकिन गृह मंत्रालय हाल में एक एडवाइस जारी किया जो कि लोगों को जागरूक किया है इसमें बताया गया है कि डिजिटल अरेस्ट और अन्य साइबर धोखा देने से कैसे बचा जा सकता है.
स्कैमर कैसे काम करते हैं?
अधिकारी बनकर फोन करेगा और खुद की पुलिस सीबीआई यह कोर्ट के अधिकारी बताया कॉल करते हैं और कहते हैं आपका नाम गतिविधियों से शामिल है कभी-कभी दावा करते हैं कि अपने ऐसे पर्सनल है.
पर्सनल डेटा का दुरुपयोग :
इसके अंदर आपकी निजी जानकारी आपको बता दें कि धमकाते हैं साथ ही वीडियो कॉल पर अपने पैसे की मांग करते हुए देखने को मिलेगा.
फर्जी दस्तावेज दिखाना : वीडियो कॉल के दौरान नकली आईडी या अदालती दस्तावेज दिखाकर डराते हैं.
ऐसे में क्या करें?
- गृह मंत्रालय में सुझाव दिया है कि ऐसे मामले में हो तो आपको घबराना नहीं है
- कॉल और जानकारी वेरीफाई करें जिस नंबर से कॉल आई है
- इस तरह आपको वेरीफाई करें कभी भी अपनी जानकारियां बैंक डिटेल ना शेयर करें
- साइबर क्राइम विभाग से संपर्क करें
- इस www.cybercrime.gov.in पर जाकर 1930 शिकायत पर कॉल करें
ध्यान दें
CBI, पुलिस या कोर्ट कभी भी आधिकारिक वीडियो कॉल नहीं करते हैं.
सावधानी ही सुरक्षा है
डिजिटल करंट में इस दौरान में आपको सतर्क बहन रहना बहुत ही जरूरी है क्योंकि सोशल मीडिया पर अपना डाटा शेयर कभी ना करे अनजान कॉल्स कभी ना उठाए और तुरंत अपना बैंक डिटेल या किसी भी प्रकार का साइबर अपराधियों से नहीं.